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लफ्ज
Sunday, November 25, 2007
parichay
Vo dari yhe jinhon ne bastian veeran ki
Ham samandar hai hamara rasta badla nahi
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खत्म हो रहा है वक्त
कुछ कहो ना तुम भी
केवल तम्हारे लिए
हमसे होकर गुजरे लफ्ज
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मुसाफिर
parichay
कौन हूं मैं
अबरार अहमद
India
जिंदगी के तमाम उतार चढाव से गुजरते हुए इसे समझने की कोशिश कर रहा हूं। वैसे पेशे से पत्रकार हूं।
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मैं हूं भडासी
लखनऊ से विशाल
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