कई दिनों से ब्लाग से दूर रहा। इसके लिए सभी ब्लगर साथियों से क्षमा चाहूंगा। थोडी व्यस्तता रही इन दिनों या यूं कह लें कि फेस्टिवल सीजन ने उलझाए रखा। काम ही अपना ऐसा है। खैर इन दिनों बहुत कुछ ऐसा रहा जिससे हम ही नहीं पूरी दुनिया सकते में रही। आर्थिक मंदी ने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया कि अमेरिका से लेकर जापान तक कभी भी ढह सकते हैं। पूंजी का दम दिखा लोगों को। सेंसेक्स ऐसा गिरा कि कईयों को ले गया। आईसीआईसीआई बैंक के दिवालिया होने की अफवाह भी उडी और कामत जी को स्थिति साफ करनी पडी। जेट ने राज ठाकरे के नाम पर 1900 कर्मचारियों को फिर नौकरी पर रखा तो एक बिहारी युवक को सरेआम एनकाउंटर कर दिया गया। अब असल मुददे पर चलते हैं। कई दिनों से दिमाग में एक बात चल रही है। मन में अजीब हलचल है। पेशानी पर बल पडे हुए हैं और मन में ऐसी भडास है कि फट जाने को जी कर रहा है। बाजार आज पूरी तरह से हम पर हावी हो चुका है। आज जो कुछ बाजार चाह रहा है हम वही कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि बाजार मदारी है और हम बंदर। आज हमारी आस्था यह बाजार तय कर रहा है। हमें कैसे पूजा करनी है, त्योहार या पर्व पर क्या करना है क्या नहीं करना यह सब बाजार तय कर रहा है। गरीब का तो कोई धर्म ही नहीं बचा। कोई त्योहार ऐसा नहीं बचा जिसे वह पूरी आस्था से पूरे साजो सामान के साथ मना सके। पुराने रस्म और पुरातन चीजों की जगह बाजार के रेडिमेट आइटमों और नए रस्मों ने ले ली है। चीजें बदल रही हैं बडी तेजी से बाजार के लिए। जगह जगह कुछ ऐसे लोगों को बिठा दिया गया है जो हमे बाजार के हिसाब से आस्था को पूरी करने की सलाह दे रहे हैं। संचार और समाचार के माध्यम भी बाजार के मुताबिक पढा रहे हैं और दिखा रहे हैं। यह एक बुरा संकेत है। अब हमे यह तय करना है कि हमे बाजार के हिसाब से चलना है या खुद के। सवाल जरा कठिन है लेकिन जवाब हमे ढूढना ही होगा।
Wednesday, October 29, 2008
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5 comments:
bilkul sahi kaha par.... in bandron ko bhains bankar pagurane me hi maza aayega....aapki bansuri ki dhun ka matlab ye nahi samjhenge
satik likha hai aapne. par is mudde par dhyan bhi kahan jaata hai logon ka. jaroorat hai ki media me aise mudde bhi uthaye jaayein taki log kamse kam sochne ke liye to majboor hon. aapka ye post is disha me ek sarthak kadam hai. aapko badhai
hum jinda aur tumhare sath hai kabi shor me to kabi khamoshi me
dharmendra
...नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है. आप सभी को सपरिवार नव-वर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें !!
www.kkyadav.blogspot.com पर नव-वर्ष के स्वागत में कुछ भवभिव्यक्तियाँ हैं, आप भी शरीक हों तो ख़ुशी होगी.
बहुत अच्छा जी
समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : चिठ्ठी लेकर आया हूँ कोई देख तो नही रहा है .
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