Wednesday, August 4, 2010

अब चहकने लगा है अयान



वक्त के साथा कई नए एहसास मुझे छू रहे हैं। रूबरू करा रहे हैं मुझे एक अनोखे रोमांच से। पिता होने की जिम्मेदारियों के बीच एक नन्हा बच्चा मुझमें हिलोरें ले रहा है। और रोज नन्हे अयान से जी भर के खेलता भी है। अब अयान भी चहकने लगा है। अभी बोलता नहीं लेकिन उसकी हंसी वो सब कह जाती है, जो मैं उससे सुनना चाहता हूं। वो देखता है तो ऐसा लगता है पूरी दुनिया की खुशियां मुझे हसरत भरी निगाहों से देख रही हैं। इस एहसास को बयां करना भी मुश्किल है। खैर जी भर के जी रहा हूं मैं अयान के बचपन को। खुदा से यही दुआ है कि यह नन्हा फरिश्ता हमेशा यूं ही चहकता रहे। आमीन।

Saturday, February 27, 2010

अब मैं भी बच्चा हूं जी





यह तसवीरें उस नन्हे फरिश्ते की है जिसने कुछ दिनों पहले ही मेरी जिंदगी में कदम रखा है। इसको पाकर ऐसा लग रहा है कि मेरा बचपन लौट आया है। पूरा परिवार खुशियों से भर गया है। आप सबसे गुजारिश है कि इसे अपनी दुआएं दीजिए ताकि ये हमेशा खुश रहे और स्वस्थ रहे।