Thursday, April 10, 2008

अधूरे ख्वाब थे मेरे तेरे आने से पहले



अधूरे ख्वाब थे मेरे तेरे आने से पहले।

मचलते जज्बात थे मेरे तेरे आने से पहले।।

हरसू भटकता रहता था गलियों गलियों में।

आवारा नाम था मेरा तेरे आने से पहले।।

तूने जिंदगी जीना सीखा दिया मुझको।।

टूटता साज था मेरा तेरे आने से पहले।।

मुझे संभाल लेगा कोई अब इस बात की तसल्ली है।

कदम लडखडाते थे मेरे तेरे आने से पहले।।

तेरे आने से हो गया जर्रा जर्रा रौशन।

अंधेरे साथ थे मेरे तेरे आने से पहले।।

अधूरे ख्वाब थे मेरे तेरे आने से पहले।

मचलते जज्बात थे मेरे तेरे आने से पहले।।

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

आवारा नाम था मेरा तेरे आने से पहले।।

तूने जिंदगी जीना सीखा दिया मुझको।।
बहुत खुब मियां,तुम्हारी कलम को सलाम करते हे बहुत अच्छा लिखते हो.

Anonymous said...

तूने जिंदगी जीना सीखा दिया मुझको।।

टूटता साज था मेरा तेरे आने से पहले।।

मुझे संभाल लेगा कोई अब इस बात की तसल्ली है।

कदम लडखडाते थे मेरे तेरे आने से पहले।।
kya kahe bahut khubsurat nazm hai,kisi ke aane se zindagi rangin ho hi jati hai,awesome.